समस्तीपुर की शर्मनाक हकीकत :गरीब की बेटी ‘बंधक’, पिता ने बेची भैंस, मांगी भीख – अस्पताल बना वसूली का अड्डा!

- Reporter 12
- 15 Sep, 2025
अमरदीप नारायण समस्तीपुर
गरीब की बेटी ‘बंधक’, पिता ने बेची भैंस, मांगी भीख – अस्पताल बना वसूली का अड्डा!
विधायक शाहीन ने छुड़ाया, पर स्वास्थ्य मंत्री और प्रशासन क्यों सो रहे हैं?
समस्तीपुर :यह घटना सिर्फ एक अस्पताल की मनमानी नहीं, बल्कि बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का नंगा सच है।कर्पूरी ग्राम पंचायत के राजेन्द्र पासवान की बेटी सुमन देवी प्रसव पीड़ा के बाद यूनिटी इमरजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती हुई। बच्चे की मौत के बाद भी अस्पताल ने परिवार का आर्थिक शोषण शुरू कर दिया। गरीब पिता ने भैंस बेची, गांव-गांव भीख मांगी, और 90 हज़ार रुपये थमा दिए। इसके बावजूद मरीज को एक सप्ताह तक अस्पताल में बंधक बनाकर कैद रखा गया।आखिरकार मजबूर पिता ने विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन से गुहार लगाई। शाहीन ने पुलिस बल के साथ अस्पताल पर धावा बोला, प्रबंधक को फटकार लगाई और मरीज को मुक्त कराया।
असली गुनाहगार कौन?
सवाल यह है कि –स्वास्थ्य मंत्री और जिला स्वास्थ्य विभाग क्यों सोए रहे?
क्या उन्हें नहीं पता कि जिले में दर्जनों अस्पताल बिना निबंधन, बिना चिकित्सक और बिना सुविधा के चल रहे हैं?
क्या स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के बिना ऐसे अस्पताल खुलेआम लोगों की जान से खिलवाड़ कर सकते हैं?
विधायक की तल्ख टिप्पणी
विधायक शाहीन ने कहा यहां अस्पताल नहीं, वसूली केंद्र चल रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी इस गंदे खेल की सबसे बड़ी वजह है।अगर सरकार में जरा भी संवेदनशीलता है तो ऐसे अस्पतालों को तुरंत बंद कराए।"
जनता का गुस्सा, सरकार की चुप्पी
जिले की जनता पूछ रही है ।क्या गरीब की बेटी को बंधक बनाना ही अब इलाज है?क्या स्वास्थ्य मंत्री को सिर्फ रिबन काटने और फोटो खिंचवाने से फुर्सत मिलेगी?क्या जिला प्रशासन गरीबों की चीख सुनने के लिए इतना भी संवेदनशील नहीं रहा?बताते चलें कि समस्तीपुर की यह घटना बताती है कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था रोगी नहीं, रोग बन चुकी है।जब तक सरकार और स्वास्थ्य मंत्री ऐसे अस्पतालों को बंद करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का साहस नहीं दिखाते, तब तक गरीब की बेटी कभी पैसे के लिए कैद होगी, तो कभी इलाज के अभाव में दम तोड़ देगी।
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